पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज (PCOD): क्या हैं पीसीओडी के प्रमुख कारण, लक्षण, और उपचार ?
पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज (पीसीओडी) (In English PCOD)
पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज PCOD की समस्या महिलाओं में बहुत ही आम देखी जाती है | इसके चलते महिलाओं में पुरुष हार्मोन जिसको की एण्ड्रोजन कहा जाता है वह बहुत ही तेज़ी सी बढ़ने लग जाता है | इस समस्या के चलते महिलाओं में अलग–अलग लक्षण देखे जा सकते हैं जैसे की अनियमित माहवारी या पीरियड्स नहीं आना, दर्दभरा व लम्बा मासिक धर्म, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे, पेल्विक दर्द, और संतान प्राप्ति में बहुत ही ज़्यादा दिक्कत महसूस होना | यदि आप माँ बनने की कोशिश कर रहीं है तो आपको सबसे उच्च IVF Centre in Punjab – Gomti Thapar Hospital में जाकर अपने लिए सही उपचार करवाने की शुरुवात करने चाहिए | हमारे fertility clinic in Moga में सबसे अनुभवी फर्टिलिटी एक्सपर्ट आपकी सेहत की अनुसार आपको ट्रीटमेंट देंगे | Dr. Neelu Koura के देख रेख के अंदर इन विट्रो फर्टिलाईजन (आईवीएफ) ट्रीटमेंट की मदद से बहुत सारे दम्पतियों को माँ–बाप बनने का सुख प्रपात होता है | यदि आप पीसीओडी (PCOD) की समस्या से झूझ रहे हैं तो इस ब्लॉग में आपको सारी जानकारी बहुत ही सरल रूप में मिलेगी |
क्या होते हैं पीसीओडी के लक्षण?
पीसीओडी के दौरान यह लक्षण देखे जाते हैं :
- माहवारी संबंधी समस्याएं
ऑलिगोमेनोरिया बहुत ही आम समस्या देखि जा सकती है महिलाओं में, जिसके चलते एक वर्ष में नौ पीरियड्स से कम आना या फिर 3 महीने से अधिक पीरियड का नहीं आना |
- निःसंतानता
जब महिला को लगातार ओव्यूलेशन नहीं होता तब ऐसा संभव हो सकता है की महिला माँ बनने के परियास में सफल न हो सके |
- मस्कुलिनिंग हार्मोन का उच्च स्तर
जैसे की हमने पहले भी कहा है की यह समस्या होर्मोनेस बहुत ही तेज़ी से बढ़ने लग जाते हैं जिसकी वजह से बाल शरीर के अलग–अलग अंग में बढ़ने लगते हैं या फिर मासिक धर्म में दिक्कत हो सकती है |
- मेटाबोलिक विकार
इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) के होने के चलते यह समस्या बढ़ने लग जाती है | PCOD में सीरम इंसुलिन, इंसुलिन प्रतिरोध और होमोसिस्टीन की मात्रा भी अधिक हो जाती है | ऐसा भी देखा गया है की वज़न भी बहुत तेज़ी बढ़ता है |
क्या होते हैं पीसीओडी के कारण?
पीसीओडी की बहुत ही अलग–अलग कारण हो सकते हैं | कुछ ऐसे प्रमाण हैं को इसकी तरफ इशारा करते हैं की ऑटोसोमल डोमिनेंट (Inherited or Genetic Condition) के चलते भी आपको इसके होने का अधिक खतरा हो सकता है |
मेडिकल जांच
सबसे पहले तो यह जान लें की पीसीओडी के हर मामले में महिला को ओवेरियन सिस्ट हो ऐसा ज़रूरी नहीं है | इसके इलाज के लिए महिला को अल्ट्रासाउंड करवानी को सलाह दी जाती है जिसके चलते यह ज़दा अच्छे से पता लगाया जाता है की आपके लिए सबसे सही ट्रीटमेंट कोनसी होगी |
कैसे होता है पीसीओडी का उपचार ?
पीसीओडी के लिए सबसे प्रथम–पंक्ति उपचार है महिलाओं को दवाएं देना | इसके साथ ही और अलग–अलग उपचार की मदद से एक महिला की सेहत में सुधार देखा जाता है जैसे की :
- प्रजनन क्षमता को बढ़ाना
- इंसुलिन रेजिस्टेंस लेवल को कम करना (Control Insulin Resistance)
- अनचाहे बालों के विकास को कम करना और मुँहासे के उपचार का प्रबंध करना
- मासिक धर्म को पुनः नियमित करना, उसके साथ ही एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया और एंडोमेट्रियल कैंसर के बचाव के लिए सही उपाय देना |
इसके इलावा आपको वज़न भी कण्ट्रोल में रखना होगा | ऐसा देखा गया है की जिन महिलाओं ने लगभग 10% से 20% भी वज़न पर कंट्रोल रखा है उनकी सेहत में सुधार देखा गया है | यदि आप निःसंतानता की परिशानी से झूझ रहे हैं तो आपको हमारे IVF Hopsital – Gomti Thapar Hopsital में आकर फर्टिलिटी एक्सपर्ट से अपनी लिए सबसे बेहतरीन फर्टिलिटी ट्रीटमेंट प्लान की शुरुवात करनी चाहिए |
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